Looking For Anything Specific?

Responsive Advertisement

खजूर के फायदे और नुकसान,स्वास्थ्य लाभ, सुझाव,सावधानियां और खुराक

 खजूर सिन्ध में और दक्षिण पंजाब में ज्यादा पैदा होता है।पश्चिमी एशिया, उत्तरी अफ्रिका, स्पेन, इटली, ग्रीक और इसके आसपास के स्थानों में उत्पन्न होता है। खजूर का वृक्ष बहुत ऊँचा और भूरापन लिये होता है, जिसके पत्ते खजूरी के पत्ते से थोड़े छोटे होते हैं।खजूर पकने पर कुछ लाल या हल्के बादामी रंग का हो जाता है और मीठा रहता है। इसका बीज लम्बा और गोलीय आकार में होता है जिसके मध्य में एक लाईन सी होती है।

भाषा भेद से नाम-हि-खजि,खजूर, खारक, सं.-मुदारिका, दीप्य,म.-खजूर, गु.-खारेक, खजूर, ब.-खजूर, ते.-खर्जरम, उर्दू-खुरमा,पं.-खाजि, खजूर।


गुण, वोष और प्रभाव-

आयुर्वेविकमत से इसका फल मीठा और शीत्तल रहता है। यह पौष्टिक, मोटापा बढाने बाला और कामोड्दीपक के साथ विषहर भी होता है। यह कुष्ठ, प्यास,श्वास, वायु नलियों का प्रदाह,थकान, क्षय, उदर रोग, ज्वर, वमन,मतिष्क विकार और अचेतन अवस्था में लाभकारी होता है। यह बायु नलियों के प्रदाह में और वात में उपयोगी एवं पितकारक होती है।



उपयोग-

०. सूखी खाँसी और दमा में खजूर लाभ प्रदान करती डै। यह सूजन भी दूर करती है।

बच्चों में-कमजोर बच्चों को खजूर और शहद मिलाकर खिलाना बड्त लाभकारी होताहै। जिन बच्चों में रात को बिस्तर गीला करने की आदत होती है,उन बच्चों को दूध के साथ खजूर खाने के लिए दें। इसके अलावा बच्चों की दस्त की समस्या में भी खजूर लाभकारी होता है। बच्चों के दांत निकलते समय उन्हें बार-बार दस्त की समस्या हो जाती है।ऐसे में खजूर के साथ शहद को मिलाकर एक-एक चम्मच दिन में 2-3 बार चटाने से लाभ होता है।

कब्ज की समस्या में

-खजूर में प्रोटीन,फाइबर और पोषण बह्डुत अधिक मात्रा में होता है। जिससे कब्ज की समस्या दूर

हो जाती है। जिन लोगों को कब्ज की परेशानी रहती है, उनके लिए खजूर बहुत लाभकारी है। इसका सेवन करने

के लिए रात को सोने से पहले कुछ खजूर पानी भिगो दें और सुबह उसे खा लें। दांतों में-खजूर में मौजूद कैल्शियम

दांतों की कमजोरी को दूर करता है।इसके अलावा खजूर में पाया जाने वाला फ्लोरिन नामक मिनरल दांतों की दर्द की समस्या को दूर करने में सहायता करता है। दांतों में दर्द और सड़न दूर करने के लिए दूध के साथ खजूर खाएं।

सर्दियों में अति उत्तम खजूर -

सर्दियों मेंसेडत बनाने के लिए खजूर से बेहतर और कुछ भी नहीं है।इसको खाने से रोग प्रतिरोधक

क्षमता बढती है। जिससे आप सर्दियों में होने वाली सर्दी- जुकाम जैसी समस्याओं से बचे रहते हैं। इसके अलावा यह श्वास रोग में भी बहुत फायदा करती है। अगर आपको जुकाम की समस्या लगातार बनी रहती है तो एक गिलास दूध में 5-6 खजूर डालें, इसी में पांच दाने काली मिर्च, एक इलायची और एक चम्मच शुद्ध देशी घी

डालकर अच्छी तरह उबाल लें। इसे रात में सोने से पहले पीने से सर्दी-जुकाम में आराम मिलता

डै। श्वास रोग में सोंठ के चूर्ण में खजूर मिलाकर पानी के साथ लेना हितकर होता है।

ब्लड प्रेशर-खजूर के सेवन से कुछ ही दिनों में निम्न ब्लड प्रेशर की समस्या से छुटकारा मिलजाता है। निम्न ब्लडप्रेशर की समस्या होने पर 3-4 खजूर गर्म पानी में धोकर गुठली निकाल दें और इसे गाय के दूध के साथ

उबाल लें। इस उबले हुए दूध को सुबह-शाम पीएं, फायदा होगा।

ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डियों में दर्द की समस्या कैल्शियम की कमी के कारण होती है और यह समस्या आमतौर पर महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद होती है। अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित हैं तो आपके लिए खजूर बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि खजूर कैल्शियम से भरपूर होता है। नियमित रूप से कुछ खजूर खाने से आपकी कैल्शियम की कमी पूरी हो जाती है।

मधुमेह में-मधुमेह् और ऐसे रोग जिनमें मीठे पदार्थ खानाहानिकारक होता है और रोगी मीठा खाने की इच्छा न्यक्तकरता है। वहाँ खजूर का सेवन कर सकते हैं। खजूर मीठा होता है।खाँसी में खजूर लाभ करती है।

यह सूजन दूर करती है साथ-साथ खजूर क्षय-रोगियों के लिए लाभदायक है।

गर्भावस्‍था में-गर्भावस्‍था में अक्सर खून की कमी हो जाती है। इस कमी को पूरा करने में खजूर आपकी मदद कर सकता है। खजूर को खाने से डिमोग्लोबिन बढ जाता है। गर्भवती और उसके शिशु के लिए आयरन, कैल्शियम,

मैग्रिशियम, फास्फोरस और सिलीनियम से भरा खजूर खाना बहुत जरूरी है। इसके अलावा खजूर गर्भवती महिलाओं में दूध की मात्रा में वृद्धि करता है और अधिक ऊर्जा प्रदान करता है।

छा 6 खजूर 500 ग्राम दूध में उबालकर सर्दियों में सेवन करें। यह बहुत ताकत प्रदान करती है।रक्त की कमी में-जिन लोगों में रक्त की कमी के कारण हृदय की धड़कन और एकाग्रता की कमी होती है, उन लोगों के लिए खजूर बहुत लाभकारी है। इसके सेवन से रक्त बढता है और मस्तिष्क और हृदय की मसल्स को ताकत मिलती है। रक्त की कमी होने पर रात को खजूर भिगोकर सुबह दूध के साथ खाएं।

आंतों को बल-खजूर के सेवन से आंतों को बल और शरीर को स्फूर्ति मिलती है। खजूर आंतों के हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है। इसके अलावा खजूर के विशिष्ट तत्व ऐसे जीवाणुओं को जन्म देते हैं जो आंतों को विशेष शक्तिशाली तथा अधिक सक्रिय बनाते हैं। यदि आपको आंत विकार है तो आपको खजूर खाना चाहिए क्योंकि इसमें कैल्शियम,विटामिन बी-एस, फाइबर,विटामिन बी-3, पौटेशियम और कॉपर होता है जो कि इस समस्या को दूर करता है।

वात नाशक तेल

शीवकाल में बात कूपित होने पर शरीर में कहीं भी दर्द हो सकता है क्योंकि अधिकतर शरीर में दर्द होने का कारण बात का प्रकोप ही होता है। वातजन्य दर्द को दूर करने के लिए एक उत्तम प्रयोग प्रस्तुत है।सरसों का तेल 250 मि.ली. और लहसुन की छिली हुई कलियां 250 ग्राम। तेल को खूब अच्छा गर्म करें। जब तेल कड़कड़ाने लगे तब इसमें लहसुन की कलियां डाल दें और आँच कम करके यानी 5... मन्‍दी आँच पर तब तक पकाएं जब तक लहसुन की कलियाँ काली न पड़ जाएं। इसके बाद इसे उतार कर ठण्डा कर लें और निचोड़ छान कर कत्थई रंग की शीशी में भर कर रखें। इस शीशी को 7 दिन तक दिन भर धूप में रखें और रात को कामरे में रखें। इस बात का ध्यान रखें कि इस शीशी को पृथ्वी का स्पर्शन होने ढें और 7 ढिन तक दिन में और रात में लकड़ी के पटिये पर ही रखें। जब शीशी को स्पर्श करें तब नंगे पांव न रहें बल्कि जूता या चप्पल पहने रहें ताकि शीशी को आर्थिंग न मिले। 7 दिन बाद इस तेल को दर्द वाले अंग पर लगाकर, हल्की-हल्की मालिश करें, जोर न लगाएं। यह प्रयोग लाभ न होने तक करते रहें। यद्वि कान में दर्द हो तो 2-2 बूंढ तेल कान में टपकाने से आराम मिलता है।

(विशेष-प्रयोग के पूर्व अपने वैद्य की सलाह ले लें।)


Post a Comment

0 Comments